Wagner Group, जो रूस का जाना - माना यानि एक लड़ाकू समहुओ का संगठन है | जो रूस में सेना के साथ काम करता है | देखी जाए तो Wagner Group एक निजी लड़ाकू संगठन है | जो रूस की जेलों में बंद अपराधियों को इसमें भर्ती किया जाता है और इनको Training दे के, पूर्णत: सैनिक बनाया जाता है | रूस सरकार इस निजी संगठन को वित्तीय तौर पर सहायता करती है और इसका रूस सेना के साथ अन्य देशों के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मदद प्राप्त करती है |
आखिर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में अब कई मोड़ आने लगे हैं, एक तरफ युद्ध खत्म ही नहीं हो रहा है, जो पिछले डेढ़ साल से चल रहा है और दुसरी तरफ रूस में अलग ही संकट पैदा हो गया। हालांकि समय रहते हुए, वह सकंट टल गया है लेकिन सोचने कि बात है आखिर निजी सेना किस हद तक जा सकती है।
कौन है Wagner Group
रूस के राष्ट्रपति पुतिन समर्थन कि बनी निजी सेना है जिसे वैगनर समूह कहते हैं। इसमें कुल 25 हजार से ज्यादा लड़ाकू है। यूक्रेन रूस में यह अपना मोर्चा संभाले रखा है। कई जगह पर यह युद्ध कर रहे हैं, लेकिन इसी निजी सेना ने मतलब वैगनर समूह ने रूस के ही खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था। हालांकि बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर लुकशौंको द्वारा वैगनर समूह को शांत करवाया गया था। बेलारूस के राष्ट्रपति, पुतिन के खास दोस्त माने जाते हैं।
इस वैगनर ग्रुप में वही लोग शामिल हैं जो किसी भी अपराध जैसे चोरी, हत्या आदि में जेल जा चुके हैं। इन लोगों कि यह निजी सेना बनी है। इस वैगनर ग्रुप का प्रमुख येवगेनी प्रिगेझिन है जो खुद कई बार जेल जा चुका है। इसी वैगनर ग्रुप को 2014 में बनाया गया। इसके बनने के बाद इसने सीरिया, क्रीमिया में जमीनी तौर पर भाग लिया।
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Wagner Group |
रूस के खिलाफ वैगनर समूह
इसी वैगनर ग्रुप ने 25 जून को 'मास्को जस्टिस मार्च' चलाया और हजारों वैगनर समूह के लड़ाकू सड़कों पर उतर गये। इस वैगनर ग्रुप के सड़क पर उतरने के कई कारण भी बताएं जा रहे हैं जिनमें कहा गया है कि वैगनर ग्रुप को प्रयाप्त रसद सामग्री नहीं मिल रही है और यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना द्वारा वैगनर ग्रुप के लड़ाकूओं पर घातक हमले कर रही है।
लेकिन वैगनर समूह का रूस के खिलाफ होने का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि 1 जुलाई से वैगनर समूह के सभी लड़ाकूओं को रूसी सेना कि कमांड संरचना के अधीन लाने का फैला हुआ था। वैगनर ग्रुप के लड़ाकू खुद को स्वतंत्र रखना पसंद करते हैं। अब इस पर क्या फैसला होगा, अभी कुछ भी नहीं कहा जाता।
वैगनर समूह द्वारा चलाया जा रहा मार्च, जिसे बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर ने समझौता करवाया और वैगनर ग्रुप के लड़ाकूओं पर कोई केस नहीं चलेगा। अभी यह भी खबर आ रही है कि बेलारूस में वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगेझिन के लिए वहां पर आलिशान महल बन रहा है और वे अभी बेलारूस में है।
वैगनर समूह को किया शांत
वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगेझिन, जो रूस के राष्ट्रपति पुतिन के दोस्त हैं। इसने अपनी जिंदगी 1990 में एक रेस्तरां से शुरू की थी, जो सेंट पीटर्सबर्ग में था। इसी रेस्तरां से इसकी पुतिन से दोस्ती हुई थी। फिर यह 1981 में चोरी के आरोप में जेल गया था। धीरे-धीरे अपराध के रास्ते पे चलते गये।
वैगनर समूह का मालिक
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
यूक्रेनी युद्ध के रूप में जाना जाता है, 2014 में शुरू हुआ था। इसकी शुरुआत क्रीमिया के यूक्रेनी क्षेत्र में हुई थी, जहां मार्च 2014 में यूक्रेन के रूस समर्थक राष्ट्रपति को हटाने के बाद रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादी आंदोलन शुरू हो गए, जिससे डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों में संघर्ष शुरू हो गया।
युद्ध के परिणामस्वरूप जानमाल की भारी हानि हुई, लोगों का विस्थापन हुआ और रूस और यूक्रेन के बीच तनाव जारी रहा। यह एक जटिल और संवेदनशील भू-राजनीतिक मुद्दा है, और मिन्स्क समझौतों सहित राजनयिक माध्यमों से शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने के प्रयास किए गए हैं।
सोवियत संघ का विघटन (Soviet Union dissolution) 1991 में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना थी, जिसके कई महत्वपूर्ण कारण थे:
आर्थिक समस्याएँ: सोवियत संघ के अंदर आर्थिक समस्याएँ बढ़ गई थीं। विपन्नता, उत्पादन की कमी, और अर्थव्यवस्था की अस्थिरता ने लोगों की जीवनस्तर में कमी की थी। यह एक महत्वपूर्ण कारण था, उस समय समाजवादी विचारधारा का।
राजनीतिक दबाव: सोवियत संघ के भिन्न गणराज्यों के बीच राजनीतिक और राष्ट्रीय दबाव बढ़ गए थे। अपने - अपने हितों को देखते हुए आपस में संघर्ष करने लगे, जिससे सोवियत संघ का विघटन होना महत्वपूर्ण हो गया।
स्वतंत्रता की मांग: गणराज्यों के लोग स्वतंत्रता की मांग करने लगे थे और यह बदलावों का प्रेरणा स्रोत बना। अलग-अलग विचारों के कारण और अपनी अपनी स्वतंत्रता के कारण आजाद होने की मांग करने लगे।
गोरबचोव की सुधार: मिखाइल गोरबचोव के नेतृत्व में सुधारों की कड़ी कोशिशों के बावजूद, वे संघ के पुनर्निर्माण की कड़ी मांग को पूरा नहीं कर सके। लोगों के खाने कि वस्तुओं कि कमी पड़ने लगी और जो वस्तुएं थी उनके भाव बहुत ही ज्यादा थे, इस लिए बाहर से कोई सस्ती वस्तुओं का आयात नहीं किया जा रहा, तो लोगों कि मांगों का उस समय कि सरकार पूरा नहीं कर सकी।
जन-आंदोलन: सोवियत संघ के विभिन्न गणराज्यों में जन-आंदोलन और प्रदर्शन बढ़े, जिससे संघ की स्थिति कमजोर हुई। विभिन्न जरूरतों और राजनीतिक कारणों से लोग सड़कों पर उतर आए, इन आंदोलनों को रोकना संघ के लिए मुसीबत हो गयी, सारी शक्ति संघ के बीच बंटी हुई थी, इस लिए लोगों का रोक पाना बहुत ही मुश्किल था।
1991 में, अगस्त में, एक समझौते के तहत, विशेष जनमंडलों ने सोवियत संघ के अंदर के गणराज्यों के स्वतंत्रता की मंजूरी दी और इसके परिणामस्वरूप संघ विघटित हो गया। इसके बाद, कई पुनर्निर्माण कार्यक्रम आरंभ हुए और विभिन्न गणराज्य अलग-अलग दिशाओं में बढ़े।
ऊपर के इसी कारणों से सोवियत संघ का विघटन हुआ और जिससे विभिन्न देशों का अस्तित्व हुआ। उसी मेरे एक देश युक्रेन है। जो पीछे बचा, वह रूस कहलाया।
यह घटना विश्व इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ को प्रस्तुत करती है और विश्व राजनीतिक सीने में महत्वपूर्ण परिणामों का कारण बनी।
Questions
Q. वैगनर ग्रुप किस देश कि निजी सेना है ?
A. वैगनर ग्रुप रूस देश कि निजी सेना है।
Q. वैगनर ग्रुप कब बना ?
A. वैगनर ग्रुप 2014 में बना था।
Q. वैगनर ग्रुप का प्रमुख कौन है ?
A. वैगनर ग्रुप का प्रमुख येवगेनी प्रिगेझिन है।
Q. वैगनर ग्रुप ने रूस के खिलाफ कब सड़कों पर उतरा ?
A. 25 जून को वैगनर ग्रुप रूस के खिलाफ सड़कों पर उतरा था।
Q. वैगनर ग्रुप ने रूस के खिलाफ कौनसा मार्च निकाला ?
A. 'मास्को जस्टिस मार्च'वैगनर ग्रुप ने रूस खिलाफ मार्च निकाला था।
Q. वैगनर ग्रुप को किस देश के राष्ट्रपति ने शांति करवाया था ?
A. बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर लुकशौंको ने वैगनर ग्रुप को शांत करवाया था।
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