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PAK Foreign Minister Will Visit India - भारत दौरे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री


भारत दौरे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री - जुल्फिकार अली भुट्टो, जो खुद को हिंदुस्तानी मानते थे। इनका जन्म 5 जनवरी 1928 में मुम्बई में हुआ था। इन्होंने अपनी पढ़ाई बॉम्बे कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में की। मुम्बई में जब इनका कॉलेज पूरा हुआ, उसी समय देश आजाद होने वाला था। जुल्फिकार अली भुट्टो ने आजादी से एक साल पहले पढ़ाई करने अमेरिका चले गए। लेकिन जब देश आजाद हुआ तब इनका परिवार पाकिस्तान चला गया। 


        अमेरिका के कैलिफोर्निया और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद वे भारत आए। मुम्बई में अपनी सम्पत्ति को पाने के लिए। लेकिन यहां उनको कुछ भी नहीं मिला। वे अक्सर मुम्बई को अपना दुसरा घर कहां करते थे। जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद व्यक्तित्व रहे हैं। उनके जीवन और कार्यों ने न केवल पाकिस्तान की राजनीति को आकार दिया, बल्कि दक्षिण एशिया की राजनीति पर भी गहरा प्रभाव डाला। यह ब्लॉग उनके जीवन, उनकी उपलब्धियों और उनके शासनकाल की जटिलताओं को समझने की एक कोशिश है।

जुल्फिकार अली भुट्टो का पाकिस्तान में निवास 

                  
     ‌‌वे पाकिस्तान चले गए। पाकिस्तान में राजनीतिक में अपने पैर जमाने के बाद, 1967 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी बनाई। इसी पार्टी से भुट्टो 1972 से 1977 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने। 1972 में शिमला समझौता पर भुट्टो ने ही हस्ताक्षर किये और बांग्लादेश बना।

भुट्टो का अंत कैसे हुआ 

           भुट्टो का अंत भी राजनीतिक कारणों से हुआ। अपनी पार्टी में फुट पड़ने पर, पार्टी टूट गई। इन पर गैर मुस्लिम होने का आरोप लगा। सैन्य ताकत बढ़ने लगी। धर्माधिकारियों ने सेना से हाथ मिला दिया। पाकिस्तान में जब भी सेना और राजनीति अलग होती है उस समय जो प्रधानमंत्री होता है, उसका अंत बहुत ही बूरा होता है। यहा पाकिस्तान राजनीति का इतिहास कहता है।

      5 जुलाई 1977 को भुट्टो को गिरफ्तार कर लिया गया, सेना जनरल जिया उल हक के आदेश पर। इसके बाद कई बार रिहाई हुई और गिरफ्तारियां हुई। ं  लेकिन 18 मार्च 1978 को जुल्फिकार अली भुट्टो को राजनीति प्रतिनिधि कि हत्या के आरोप में मौत कि सज़ा सुनाई। 

     इसके बाद कई अपीले कि और कोर्ट ने उन अपीलों को खारिज कर दिया। 4 अप्रैल 1979 को जुल्फिकार अली भुट्टो को रावलपिंडी कि सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई।

जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी किसने दी

        जुल्फिकार अली भुट्टो के फांसी का लीवर खींचने वाले का इतिहास भारत के शेर भगतसिंह से जुड़ा हुआ है। जिस जलाल ने जुल्फिकार अली भुट्टो का लीवर खींचा, उसका नाम था तारा मसीह। इसके ही बाप काला मसीह ने भगतसिंह कि फांसी का लीवर खींचा था। भुट्टो के खिलाफ आरोपों के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया और 1979 में उन्हें फांसी की सजा दी गई। उनके खिलाफ किए गए न्यायिक फैसलों को लेकर कई विवाद हुए, और आज भी उनकी फांसी को लेकर कई ऐतिहासिक और कानूनी बहसें जारी हैं।

जुल्फिकार अली भुट्टो का परिवार 

         इसी जुल्फिकार अली भुट्टो का बेटा, बिलावल भुट्टो, वर्तमान में पाकिस्तान का विदेश मंत्री है । 9 साल बाद पाकिस्तान के किसी बड़े राजनेता का भारत में दौरा होगा। एससीओ कि बैठक इस साल भारत में हो रही है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के आमंत्रण पर पाकिस्तान इस बैठक में भाग ले रहा है। 2014 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल हुए थे। उसके बाद भारत में पाकिस्तान का कोई बड़ा नेता भारत नहीं आया।

बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto Zardari) का जीवन

बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto Zardari) पाकिस्तान के एक प्रमुख राजनेता हैं और उन्हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) का अध्यक्ष भी चुना गया है। वह पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो और बेनजीर भुट्टो के बेटे हैं।

जन्म और प्रारंभिक जीवन: बिलावल भुट्टो का जन्म 21 सितंबर 1988 को हुआ था। उनकी माता बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो उनके पिता थे। बिलावल भुट्टो ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय रिलेशन्स में स्नातक की डिग्री हासिल की है।

राजनीतिक करियर: बिलावल भुट्टो ने 2012 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का अध्यक्ष बना। उन्होंने पाकिस्तानी राजनीति में अपनी भूमिका सामाजिक न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य, और लोगों के हक की रक्षा के लिए स्थापित की है।

बिलावल भुट्टो को बहुत ज्यादा जानपहचान और पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो और बेनजीर भुट्टो के वारिस के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। उनकी राजनीतिक कौशल और नेतृत्व क्षमता को कई बार सराहा गया है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan Peoples Party, PPP)


पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan Peoples Party, PPP) पाकिस्तान की एक महत्वपूर्ण सियासी पार्टी है जो देश की सियासी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह पार्टी 1967 में जुल्फिकार अली भुट्टो द्वारा स्थापित की गई थी। भुट्टो ने यह पार्टी उत्तर पाकिस्तान (जिसे बाद में पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से कहा गया) में गठबंधन और अवामी मुहिम के लिए बनाया था।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के मूल मंच का मकसद अधिकांश जनता के हित में सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक मूल्यों, और गरीबों के हक की रक्षा करना है। पार्टी के मूल सिद्धांतों में लोकतांत्रिक शासन, सामाजिक न्याय, खुले विचार, और गरीबी उन्मूलन शामिल हैं।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की मुख्य राजनीतिक नेतृत्व जुल्फिकार अली भुट्टो, बेनजीर भुट्टो, और असफ़ अली ज़रदारी जैसे राजनैतिक व्यक्तियों ने की है। पार्टी का ध्यान खासकर राजनीतिक समर्थन, आधारभूत सुविधाओं के प्राप्तकर्ताओं के लिए सेवाएं, और सामाजिक न्याय पर होता है।

पाकिस्तान में पीपुल्स पार्टी को बड़े पैम्प और उत्तर-पश्चिम में अच्छे समर्थन के लिए जाना जाता है। यह पार्टी पाकिस्तानी राजनीति में एक महत्वपूर्ण और बड़ी नामक पार्टी है।


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