भारत में महाजनपद काल, महाजनपद के नाम, महाजनपद काल की विशेषताएं, वर्तमान शहरों के नाम महाजनपद काल से, देखे महाजनपद काल की सम्पूर्ण जानकारी |Mahajanapada period in India - भारत में महाजनपद काल - भारत में महाजपद काल को भारत में दूसरी नगरीय क्रांति कहा जाता है | 6वीं ईसा पूर्व काल में भारत में नई क्रांति हुए जिसे महाजनपद काल के नाम से जाता है | यह क्रांति भारत मे उत्तरी इलाके में पूर्ण फैली | महाजनपद काल की महत्वरपूर्ण विशेषता थी की इसमे लोहे का भरपूर उपयोग हुआ, जिससे इस क्रांति के चार चाँद लग गए |
महाजनपद काल में बड़े राज्यों की प्रष्ठभूमि को तैयार किया जिससे देश में राजनीति और आर्थिक तौर पर बहुत उथल – पुथल हुई | इन काल मे बड़े राज्यों के बनने से एक स्थान से दूसरे स्थान घूमने वाले लोगों की कमी हुई | लोग एक स्थान पर रह कर अपना जीवन यापन करने लगे |
भारत में महाजनपद होने के साक्ष्य जैन और बौद्ध ग्रंथों
मे मिलता है | इस महाजनपद काल मे इन दोनों धर्मों का उदय हुआ था इस लिए इनके काल मे
लिखे गए ग्रंथ महत्वपूर्ण है | बौद्ध धर्म के द्वारा लिखा गया ग्रंथ अंगुतर निकाय और
जैन धर्म द्वारा लिखित ग्रंथ भगवतीसूत्र में इन 16 महाजनपद होने का उल्लेख मिलता है
|
बौद्ध ग्रंथ मे 16 महाजनपदों का नाम –
क्रमाक |
महाजनपद के नाम |
1.
|
मल्ल |
2.
|
वज्जी |
3.
|
कौशल |
4.
|
काशी |
5.
|
मगध |
6.
|
अंग |
7.
|
चेदि |
8.
|
शूरसेन |
9.
|
मत्स्य |
10.
|
कुरु |
11.
|
पांचाल |
12.
|
वत्स |
13.
|
कंबोज |
14.
|
गांधार |
15.
|
अवन्ति |
16.
|
अस्सक (अश्मक) |
जैन ग्रंथ मे महाजनपदों के नाम –
क्रमाक |
महाजनपद |
1.
|
मलय |
2.
|
अंग |
3.
|
बंग |
4.
|
मगह |
5.
|
गच्छ |
6.
|
वच्छ |
7.
|
कच्छ |
8.
|
मालव |
9.
|
काशी |
10.
|
मोलि |
11.
|
वज्जि |
12.
|
कौशल |
13.
|
अवध |
14.
|
संभुत्तर |
15.
|
लाठ |
16.
|
पाढय |
इस प्रकार भारत में दूसरी नगरीय क्रांति मे इन नगरों का
विकास हुआ, जो उत्तर भारत मे महत्वपूर्ण स्थान रखते है |
महाजनपद काल की विशेषताएं –
1.
दूसरा नगरीयकरण |
2.
लोहे का भरपूर उपयोग |
3.
मुद्राओं की शुरुआत (आहत मुद्रा) |
4.
14 महाजनपद में राजतंत्र और 2 महाजनपद
मे लोकतंत्र |
5.
जैन और बौद्ध धर्म का उदय |
जो इस महाजनपद काल मे दो लोकतंत्र वाले महाजनपद वाले थे
वे – मल्ल और वज़्जि संध में था | बाकी सभी महाजनपद राजतन्त्र के वाले थे |
महाजनपद और उनकी राजधनियों के नाम –
गांधार – तक्षशीला,
कंबोज – राजपुर,
अवन्ति – उज्जयिनी,
अश्मक – पोटन,
शूरसेन – मथुरा,
अंक – चम्पा,
मगध – राजगृह,
काशी – वाराणसी,
कौशल – श्रीवस्ती,
वज्जि – वैशाली,
मल्ल – कुशीनार
चेदि – शक्तिमती,
वत्स – कौशांबी,
मत्स्य – बैराठ,
पांचाल – कांपिल्य,
कुरु – इन्द्रप्रस्थ |
महाजनपद काल के वर्तमान स्थल -
आप ऊपर गए महाजनपद काल के शहरों और उनके नाम | इन 16 महाजनपद
काल के वर्तमान में साक्ष्य मिले है, आप देख सकते है |
1.
अंग – यह महाजनद बिहार राज्य के मुंगेर
और भागलपुर जिलों मे था |
2.
मगध – बिहार के पटना और गया जिलों मे
था |
3.
काशी – वाराणसी के आस – पास था |
4.
कौशल – अवध, आयोध्या और फैजाबाद जिलों
मे साक्ष्य मिलते है |
5.
वज्जि – गंगा के उत्तर मे |
6.
मल्ल – बिहार का पटना और उत्तर प्रदेश
का देवरिया जिला |
7.
चेदि – बुंदेलखण्ड और झाँसी के पास
|
8.
वत्स – इलाहाबाद के पास |
9.
कुरु – मेरठ, गाजियाबाद और दिल्ली के
पास |
10.
पांचाल – रूहेलखंड, बरेली और रायपुर
के पास |
11.
मत्स्य – अलवर, भरतपुर, कौरली |
12.
शूरसेन – मथुरा के पास |
13.
अश्मक – गोदावरी नदी के तट पर |
14.
अवन्ति – नर्मदा नदी के आस |
15.
कंबोज – अफगानिस्तान, पाकिस्तान मे |
16.
गांधार – पाकिस्तान मे (पेशावर और रावलपिंडी
शहर) |
महाजनपद काल से संबधित प्रश्न –
कुल कितने महाजनपद है ?
कुल 16 महाजनपद थे |
दूसरी नगरीयक्रांति किसे कहा जाता है ?
भारत मे दूसरी नगरीक्रांति महाजनपद काल को कहा जाता है
|
महाजनपद काल मे कुल किनते महाजनपदों मे गणतंत्र था ?
कुल 16 महाजनपदों मे से कुल 2 जनपदों मे गणतंत्र था |
महाजनपद काल मे किस धातु का सबसे अधिक उपयोग हुआ था ?
सबसे अधिक लोहे का महाजनपद काल मे उपयोग हुआ था |
Bahut hi Badhiya Jankari aapne di hai. Thanks for this valuable Article 🤠
ReplyDeletethnx
Delete