Hindenburg Disaster
Hindenburg Research
यह शेयर मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट पर रिसर्च करती है। यह जिस कंपनी पर रिपोर्ट देती है, हर कंपनी का शेयर मार्केट डाउन हो जाता है। यह एक निजी कंपनी है। यह अपनी रिपोर्ट को अपना opinion मानती है। इस लिए इस कंपनी पर अमेरिकी कानून के अनुसार कोई नुक्सान नहीं पहुंचा सकता। यह कंपनी रिपोर्ट में ज्यादातर दो शब्दों का बहुत बार उपयोग करती है, पहला we think और दुसरा we believe. इस कंपनी पर अभी तक दो मानहानि का केस हुआ, जिसमें यह दोनों बार केस को जीत गई ।
पहला इस पर मानहानि का केस करने वाली एक चीनी कंपनी थी जिसका नाम Yangtze है। इस पर 2018 में हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट दी और उसी समय इस पर अमेरिकी अदालत में इसके खिलाफ मानहानि का केस हुआ, जिसका फेसला 2019 में आया। अमेरिकी अदालत ने केस को खारिज करते हुए कहां कि यह सिर्फ इसका opinion है, इसने अपनी बात रखी है, जो कोई ग़लत नहीं है। इस केस के बाद Yangtze कंपनी का शेयर मार्केट पूरा गिर गया, वह कंपनी दीवालिया हो गई।
दुसरा हिंडनबर्ग पर मानहानि का केस भारतिय एक कंपनी ने किया , जिसका नाम EROS है। 2019 में इस पर हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट दी। इस भी मानहानि का केस किया, जिसे अमेरिकी अदालत ने वही पूरानी वाली बात कह कर केस खारिज कर दिया। कंपनी दीवालिया होते - होते तो बस गयी, लेकिन अभी भी पूरानी वाली स्थिति में नहीं आई है।
हिंडनबर्ग हर कंपनी हो चुनौती देता है, कि उस पर अमेरिका में आ कर केस करो,यह कंपनी जानती है कि अमेरिकी अदालत में उसे कोई नुक्सान नहीं होने वाला । जिसकी एक रिपोर्ट पर कंपनियां बर्बाद हो जाती है उस पर अमेरिका में कोई कानून नहीं है। Hindenburg Research ने कब तक जिन कंपनियों पर रिपोर्ट दी है, उन में से कुछ कंपनियों के नाम है -
1. 2016 में अमेरिकी कंपनी RD लीगल पर रिपोर्ट दी।
2. 2017 में अमेरिकी कंपनी पर्शिण गोल्ड पर रिपोर्ट दी।
3. 2017 में अमेरिकी कंपनी ओपको हेल्थ पर रिपोर्ट दी।
4. 2017 में अमेरिकी कंपनी रॉयट ब्लॉकचेन पर रिपोर्ट दी।
5. 2018 में कनाडा कंपनी एफ्रिया पर रिपोर्ट दी।
6. 2018 में लिबर्टी हेल्थ साइंस पर रिपोर्ट दी।
7. 2019 में अमेरिकी कंपनी ब्लूम एनर्जी पर रिपोर्ट दी।
8. 2020 में अमेरिकी कंपनी एच एफ फूड्स पर रिपोर्ट दी।
9. 2020 में अमेरिकी कंपनी निकोला पर रिपोर्ट दी।
10. 2020 में एस सी वर्कर्स पर रिपोर्ट दी।
11. 2020 में प्रिडिक्टिव टेक्नोलॉजी ग्रुप पर रिपोर्ट दी।
12. 2020 में चाइना मेटल रिसोर्सेज यूटिलाइजेशन पर रिपोर्ट दी।
13. 2020 में जीनियस ब्रॉड्स पर रिपोर्ट दी।
14. 2020 में विन्स फाइनेंस पर रिपोर्ट दी।
15. 2022 मे ट्विटर पर रिपोर्ट दी ।
16. 2023 में भारतीय कंपनी अडाणी ग्रुप पर रिपोर्ट दी।
Hindenburg Report on Adani Group
हिडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप कि कंपनियों पर रिपोर्ट में लिखा है कि यह कंपनियां अपने शेयर कि कीमत उसी सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों के शेयर कीमत से 85% ज्यादा होता है। शेयर मार्केट में अडाणी ग्रुप कि कंपनिया गड़बड़ी करके अपने शेयर कि कीमत बढ़ाती है। हिंडनबर्ग ने यह भी कहा है कि 31 मार्च 2022 के वर्ष में अडाणी ग्रुप कि कंपनियों पर 2.2 खरब रूपए का कर्ज है।
Hindenburg Research की विशेषताएं
Hindenburg Research ने कई प्रमुख कंपनियों पर विश्लेषण किए हैं, जिनमें से कई ने वित्तीय समुदाय में हलचल मचा दी। कुछ प्रमुख रिपोर्टों में शामिल हैं:
- 2021 की रिपोर्ट: एक प्रमुख रिपोर्ट जिसमें एक प्रमुख अमेरिकी कंपनी पर आरोप लगाए गए थे कि उसके वित्तीय आंकड़े धोखाधड़ी से भरे हुए थे।
- 2022 की रिपोर्ट: एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी पर रिपोर्ट जिसमें उसकी वित्तीय स्थिरता और संचालन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे।
- वित्तीय गड़बड़ी: कंपनियों के वित्तीय बयानों में त्रुटियां या अनियमितताएं खोजने का प्रयास करना।
- धोखाधड़ी के संकेत: कंपनियों की प्रथाओं में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या वित्तीय अनियमितताओं की पहचान करना।
- बिजनेस मॉडल की स्थिरता: कंपनियों के व्यापार मॉडल की दीर्घकालिक स्थिरता और सफलता पर विचार करना।
- Hindenburg Research की रिपोर्टें वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं।
- सार्वजनिक कंपनियों की वित्तीय स्थिति और उनके व्यवसाय मॉडल की जांच करती है।
मूल्यांकन
Hindenburg Research हर कंपनी पर एक ही तरीका का आरोप लगाती है, किसी कंपनी पर शेयर मार्केट का आरोप, तो किसी कंपनी पर एकाउंट्स में गड़बड़ी का आरोप ।
यह अपनी रिपोर्ट बनने से पहले सबसे पहले उस कंपनी के उन लोगों से संपर्क करती जो कंपनी के किसी भी तरीके से खिलाफ रहे हैं , उनसे जो view मिलता है, वही रिपोर्ट में लिखती हैं ंं
दुसरा रिपोर्ट के लिए सोर्स, जो लोग राजनीति तरीके से किसी पार्टी के खिलाफ बयान करते हैं, उस कंपनी को लेकर, उनके भी बयान इस रिपोर्ट में लिखा जाता है। मतलब साफ है कि रिपोर्ट हमेशा कंपनी के विरोध में आए बयानों से ही बनती है।
Comments
Post a Comment