एक देश – एक चुनाव – देश में लोकसभा और विधानसभा के एक साथ चुनाव करने की तैयार हो रही है | एक देश – एक चुनाव का ड्राफ कोविन्द समिति ने तैयार किया है | 14 मार्च को इसकी रिपोर्ट राष्ट्रपति मुर्मू को सौंपी |
एक देश – एक चुनाव के लिए इस समिति का गठन 7 महीने पहले हुआ था, जिनसे लगातार अपने काम को करते हुए कुल 65 बैठके की थी | इन बैठकों के माध्यम से पता चला है की “एक देश – एक चुनाव” के लिए 80% लोग समर्थन करते है | देश में कई राजनीतिक पार्टियां है उनमें से 32 पार्टियां पक्ष में थी |
आप को बता दे की “एक देश – एक चुनाव” के लिए आप पार्टी, कांग्रेस पार्टी, बसपा, सीपीआई, तृणमूल कांग्रेस, सपा, नागा पीपुल्स फ्रंट आदि कुल 15 पार्टियों ने असहमति को जाहीर किया है | इस लोकसभा चुनाव के बाद ही इसे संसद में रखा जाएगा | 16 मार्च 2024 से देश में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो रही है |
एक देश – एक चुनाव कैसे लागू होगा –
संविधान की तरफ नजर को दौड़ाए तो पता चलता है की “एक देश – एक चुनाव” को लागू करने के लिए कुल 18 संविधान संसोधन करने होंगे | यहाँ हम जाने की किन – किन अनुच्छेद में यह संसोधन होगा –
1. अनुच्छेद – 325 = इसमें संसोधन करके स्थानीय निकायों के चुनाव करने के लिए मतदाता की सूची को तैयार करने का काम भारत के निर्वाचन आयोग को दिया जाएगा |
2. अनुच्छेद – 324 (A) = इसमें संसोधन करते हुए देश में पंचायतों और निगमों के चुनाव भी देश के आम चुनाव के साथ कराने है |
3. अनुच्छेद – 368 (A) = इसके तहत और जो भी “एक देश – एक चुनाव” के लिए संविधान संसोधन होंगे, उनके लिए आधे से अधिक राज्यों का समर्थन होना जरूरी है |
देश में जो केंद्रशासित प्रदेश है, इनमे “एक देश – एक चुनाव” के साथ चुनाव करने के लिए अलग से संविधान संसोधन होंगे |
एक देश – एक चुनाव के फायदे और नुकसान –
“एक देश – एक चुनाव” के लागू होने पर पुर देश में सभी स्तर के चुनाव एक साथ होंगे | इस लिए बताया जा रहा है की यह लागू होने पर हर चुनाव में चुनावी खर्चे होते है उनके बसा आएगा और आचार संहिता लगने से नीतिगत मामले, विकास के कार्यों में रुकावट आती है | देश में अर्धसैनिक है इनको बार – बार चुनाव ड्यूटी में लगाया जा रहा है, यह नहीं बार – बार नहीं होगा | भारत में अभी का समय देखे तो पता चलता है की देश में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे है | विधानसभा के चुनाव चलते रहते है इन से निजात मिलेगी |
एक देश – एक चुनाव लागू करने की प्रक्रिया क्या है –
जिस प्रकार रामनाथ कोविन्द के नेतृत्व में बनी समिति ने “एक देश – एक चुनाव” का ड्राफ को राष्ट्रपति को दिया है | अब इस ड्राफ को लोकसभा चुनाव के बाद कैबिनेट के समाने रखा जाएगा | इसके अनुसार संविधान में नए कानून जोड़े जाएंगे | फिर इस को संसद के दोनों संदनों में रखा जाएगा | “एक देश – एक चुनाव” के ड्राफ को दोनों सदनों के साथ राज्य विधानसभा से भी पारित करना पड़ेगा | उसके बाद “एक देश – एक चुनाव” पूरे देश में लागू होगा |
एक देश – एक चुनाव से संबधित अन्य जानकारी –
जिस प्रकार अभी की केंद्र सरकार “एक देश – एक चुनाव” के ड्राफ को तैयार किया है, इसको कब लागू किया जाएगा, यह को जानकारी नहीं है | लेकिन यह बताया जा रहा है की इसे 2029 से पहले लागू किया जाएगा | भाजपा 2029 का लोकसभा का चुनाव पूरे देश में एक साथ “एक देश – एक चुनाव” के नारे से लड़ना चाहती है | जिन विधानसभा का कार्यकाल 2028 में समाप्त हो रहा है उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है | जिन विधानसभा का कार्यकाल 2029 तक समाप्त नहीं होगा, उनका कार्यकाल समाप्त किया जा जाएगा | जैसे – बिहार, मणिपुर, यूपी, पंजाब, गोवा आदि कुल 13 राज्य है जिनका चुनाव 2029 तक समाप्त किया जाएगा |
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