उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू, तीन तलाक, बहु - विवाह गैर कानूनी |
भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने जा रही है | विधानसभा में विशेष सत्र के तहत बताया जा रहा ही की 6 फरवरी को पेश किया जाएगा | पूर्व जज रंजन देसाई की समिति के देख – रेख में बना समान नागरिक संहिता का ड्राफ़्ट को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा गया |
सूत्रों के हवाले पता चला ही की देश में जितने भी भाजपा शासित राज्य है उन सभी राज्यों में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किया जा सकता है | उत्तराखंड में यूसीसी के लिए बनी 5 सदस्यीय समिति ने कुल 10 हजार लोगों से इस पर संवाद किया है | इसमें कई तरीके के बदलाव आपको मिलेंगे |
भाजपा जब से केंद्र में आई
है तब से यूसीसी का मुद्दा बना रखा है, पूरे देश में भी यूसीसी को लागू करना चाहती
है लेकिन अभी 2024 का लोकसभा का चुनाव नजदीक है इस लिए भाजपा अपना नुकसान नहीं
लेना चाहती | इस लिए जो भाजपा शासित राज्य है वे समान नागरिक संहिता को लागू करने
के लिए काम कर रही है |
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Uniform Civil Code Implemented in Uttarakhand |
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से क्या – क्या बदलाव होंगे –
जिस प्रकार उत्तराखंड भाजपा
शासित राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट बना उसके तर्ज पर कहे तो
आपको बता दे की सभी धर्मों पर समान कानून लागू होगा | अभी संविधान में धर्मों के
अनुसार उन पर कानून अगल – अलग तौर पर लागू होगा | जैसे
1. हिन्दू धर्म में तलाक के
लिए कोर्ट जाना पड़ता है लेकिन मुस्लिम धर्म में ऐसा कुछ नहीं है, मुस्लिम धर्म में
सभी कानून पुरुषों के हाथ में है |
2. इसी प्रकार पिता की संपती
पर बेटे – बेटी का समान अधिकार होगा, इस प्रकार कई तरीके के बदलवा होंगे |
उत्तराखंड राज्य में अगर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होता है तो जो अनुसूचित
जनजाति के रूप में वे सभी इस दायरे से बाहर हो जाएंगे |
3. जो लोग लिव इन रिलेशनशिप
में है उनको रेजिस्ट्रैशन करना आवश्यक है, यह उनके लिए सेल्फ डिक्लेरेशन है |
4. राज्यों मे सभी धर्मों
में शादी के लिए लड़कों की आयु 21 साल होगी और लड़कियाओं के लिए 18 साल | जो भी शादी
कर रहे है उनको विवाह का रेजिस्ट्रैशन कराना आवश्यक है |
5. तलाक के लिए पति और पत्नी
को समान अधिकार है | जिस प्रकार पति के लिए तलाक का ड्राफ्ट बनेगा वही पत्नी के
लिए भी बनेगा | दोनों के लिए समान लागू होगा |
6. वर्तमान में जूवेनाइल
जस्टिस एक्ट के तहत लागू बच्चा गोद लेने का है वही महिला और पुरुष दोनों को समान
व्यक्तिगत अधिकार है |
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) वाले राज्य –
भारत के आजाद होने के बाद यानि स्वतंत्रता के बाद समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है | आपको बता दे की अभी देश मे समान नागरिक संहिता (यूसीसी) गोवा में लागू है लेकिन यहाँ आजादी के पहले से है | इस लिए अब देश मे दो राज्यों होंगे जिनमें समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू है |
उत्तराखंड में यूसीसी की बनी समिति का संवाद –
पाँच सदस्य बनी जस्टिस रंजन देसाई की अंगुआई में सितंबर 2022 से लोगों से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर सुझाव मांगने शुरू किए थे | इस समिति को अब तक कुल 2 लाख 33 हजार के आस – पास सुझाव मिले है | इस समिति ने पूरे उत्तराखंड राज्य में 71 बैठकें की थी और इस समिति के द्वारा कुल 43 कार्यक्रम आयोजित किए गए | इन्ही सुझावों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किया जा रहा है |
असम सीएम हिमंता बिस्व का नया बयान –
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में बहु विवाह पर लोक लगा रहा है लेकिन अभी असम में यूसीसी लागू नहीं है लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा ने कहा की राज्य में बहुविवाह को रोकने के लिए कानून लाएंगे | 5 फरवरी को असम में बजट सत्र शुरू होने है, इसी सत्र में बहुविवाह को रोकने के लिए कानून लाया जाएगा | यह कानून बनने के बाद राज्य में कड़ाई से पालना होगी | इसके साथ असम सीएम ने राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के संकेत दिए है |
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