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Indians in America - अमेरिका में भारतीय

           भारत अपनी आबादी में दुनिया में दुसरे स्थान पर है। दुनिया का 17% भारतीय है। अब आप समझ सकते हैं कि अगर इस का 1% भी किसी दुसरे देश में जाए, तो उस देश में इसका हर क्षेत्र में प्रभाव दिखेगा।             वैसे भी भारतीय कनाडा, UK और अमेरिका में अपनी पहचान बना चुके हैं। नीचे से लेकर ऊपर तक किसी भी पद पर अपना प्रभाव दिखा चुके हैं। कनाडा और UK में पहले से ही अपनी पहचान बनाई हुई है। यूनाइटेड किंगडम में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक बने हैं। जो पहले से ही यूनाइटेड किंगडम कि सरकार के मंत्रीमंडल में थे।               हालांकि इन देशों कि ये खबर पुरानी हुई है क्योंकि कि कनाडा और UK में पहले से ही सरकारों में भारतीय मूल के लोग सामिल थे। अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों का प्रभाव बढ़ रहा है। बाइडेन सरकार में उप राष्ट्रपति के पद पर पहुंचने वाली कमला हैरिस भारतीय परिवार से हैं। लेकिन अब होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय का कद बढ़ा है।           ...

Wagner Group - रूस के खिलाफ वैगनर समूह, समझे इसकी ताकत और काम |

 Wagner Group, जो रूस का जाना - माना यानि एक लड़ाकू समहुओ का संगठन है | जो रूस में सेना के साथ काम करता है | देखी जाए तो Wagner Group एक निजी लड़ाकू संगठन है | जो रूस की जेलों में बंद अपराधियों को इसमें भर्ती किया जाता है और इनको Training दे के, पूर्णत: सैनिक बनाया जाता है | रूस सरकार इस निजी संगठन को वित्तीय तौर पर सहायता करती है और इसका रूस सेना के साथ अन्य देशों के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मदद प्राप्त करती है |     आखिर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में अब कई मोड़ आने लगे हैं, एक तरफ युद्ध खत्म ही नहीं हो रहा है, जो पिछले डेढ़ साल से चल रहा है और दुसरी तरफ रूस में अलग ही संकट पैदा हो गया। हालांकि समय रहते हुए, वह सकंट टल गया है लेकिन सोचने कि बात है आखिर निजी सेना किस हद तक जा सकती है।      कौन‌ है Wagner Group       रूस के राष्ट्रपति पुतिन समर्थन कि बनी निजी सेना है जिसे वैगनर समूह कहते हैं। इसमें कुल 25 हजार से ज्यादा लड़ाकू है। यूक्रेन रूस में यह अपना मोर्चा संभाले रखा है। कई जगह पर यह युद्ध कर रहे हैं, लेकिन इसी निजी सेना ने ...

PAK Foreign Minister Will Visit India - भारत दौरे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री

भारत दौरे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री - जुल्फिकार अली भुट्टो, जो खुद को हिंदुस्तानी मानते थे। इनका जन्म 5 जनवरी 1928 में मुम्बई में हुआ था। इन्होंने अपनी पढ़ाई बॉम्बे कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में की। मुम्बई में जब इनका कॉलेज पूरा हुआ, उसी समय देश आजाद होने वाला था। जुल्फिकार अली भुट्टो ने आजादी से एक साल पहले पढ़ाई करने अमेरिका चले गए। लेकिन जब देश आजाद हुआ तब इनका परिवार पाकिस्तान चला गया।          अमेरिका के कैलिफोर्निया और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद वे भारत आए। मुम्बई में अपनी सम्पत्ति को पाने के लिए। लेकिन यहां उनको कुछ भी नहीं मिला। वे अक्सर मुम्बई को अपना दुसरा घर कहां करते थे। जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद व्यक्तित्व रहे हैं। उनके जीवन और कार्यों ने न केवल पाकिस्तान की राजनीति को आकार दिया, बल्कि दक्षिण एशिया की राजनीति पर भी गहरा प्रभाव डाला। यह ब्लॉग उनके जीवन, उनकी उपलब्धियों और उनके शासनकाल की जटिलताओं को समझने की एक कोशिश है। जुल्फिकार अली भुट्टो का ...

Every Country has its own Value - हर‌ देश के अपने मूल्य होते हैं

विश्व हर देश के पास यानि Every Country has its own Value को रखते है | इसका सीधा से मतलब है की हर देश अपने मूल्यों की रक्षा वे स्वयं कर सकते है | लेकिन इस विश्व में राजनीतिक और आर्थिक हितों को देखते हुए ताकतवर देश कमजोर देशों पर अपनी धाक जमाते है, तब विश्व में अलग - अलग तरीके से संकट पैदा हो जाते है | यहाँ आपको Every Country has its own Value के बारे में बताया जाएगा |   जब भी लोकतंत्र कि बात होती है, वहां अलोकतांत्रिकता कि बात होना जरूरी है, नहीं तो लोकतंत्र को परिभाषित नहीं कर पाते हैं, वर्तमान के कुछ लोग। प्रसिद्ध थॉमस एल. फ्रीडमैन अपने लेख में इजरायल पर अमेरिका को अंकुश लगाने के लिए कह रहे हैं। इन्होंने राष्ट्रवादी सरकारों का विरोध किया है, क्या एक व्यक्ति अपने देश के प्रति वफादार नहीं हो सकता, अपने देश के प्रेम नहीं कर सकता। हर देश कि अपनी विचारधारा -           पूरे विश्व में जिस भी देश में राष्ट्र प्रेम कि विचारधारा चली, वहां हमेशा अमेरिकी मूल्य आए हैं। क्या उस का कोई मूल्य नहीं है। दोहरा चेहरा रख कर पूरे विश्व में, जो मन चाह...

Hindenburg Research ( Hindenburg Report on Andani Group)

                जर्मनी कि कंपनी का एयरशिप ( airship) था, जिसका नाम हिंडनबर्ग ( Hindenburg ) था। इसमें हाइड्रोजन ( Hydrogen )  गैस उपयोग ली जाती थी।             यह सबसे बड़ा एयरशिप था, यह पूरा लग्जरी होटल कि तरह बना हुआ था । आकाश में बैठ कर आराम से धरती को देख सकता है। उस‌‌ समय हिंडनबर्ग एयरशिप को Titanic of the sky कहा जाता था। इसकी रफ्तार 135 किमी प्रति घंटा थी।     Hindenburg Disaster               जर्मनी से भरी उड़ान अमेरिका जा रही हिंडनबर्ग एयरशिप, जिसमें 97 व्यक्ति सवार थे। 6 मई 1937 को अमेरिका में लेंड होने से पहले इसमें आग लग गई। यह इस कंपनी‌ कि एयरशिप से ‌63 उड़ान थी, इससे पहले 62 सफल उड़ान कर चुकी थी ।           इसको लेंड करने से पहले जमीन पर रस्सियां फेंकी जाती थी, जिसे mooring lines कहा जाता है । जैसे ही रस्सियां फेंकी ठीक उसी समय एयरशिप के सबसे पीछे वाले हिस्से में आग लगी। 35 second में पूरे एयरशिप को आग ने लेपे...