विश्व हर देश के पास यानि Every Country has its own Value को रखते है | इसका सीधा से मतलब है की हर देश अपने मूल्यों की रक्षा वे स्वयं कर सकते है | लेकिन इस विश्व में राजनीतिक और आर्थिक हितों को देखते हुए ताकतवर देश कमजोर देशों पर अपनी धाक जमाते है, तब विश्व में अलग - अलग तरीके से संकट पैदा हो जाते है | यहाँ आपको Every Country has its own Value के बारे में बताया जाएगा |
जब भी लोकतंत्र कि बात होती है, वहां अलोकतांत्रिकता कि बात होना जरूरी है, नहीं तो लोकतंत्र को परिभाषित नहीं कर पाते हैं, वर्तमान के कुछ लोग। प्रसिद्ध थॉमस एल. फ्रीडमैन अपने लेख में इजरायल पर अमेरिका को अंकुश लगाने के लिए कह रहे हैं। इन्होंने राष्ट्रवादी सरकारों का विरोध किया है, क्या एक व्यक्ति अपने देश के प्रति वफादार नहीं हो सकता, अपने देश के प्रेम नहीं कर सकता।
हर देश कि अपनी विचारधारा -
पूरे विश्व में जिस भी देश में राष्ट्र प्रेम कि विचारधारा चली, वहां हमेशा अमेरिकी मूल्य आए हैं। क्या उस का कोई मूल्य नहीं है। दोहरा चेहरा रख कर पूरे विश्व में, जो मन चाह , वो किया, तब मानव मूल्य कहा मर गए थे। सारी दुनिया जानती है और देखा भी हैं, कि अमेरिका सबसे ताकतवर देश है, लेकिन मैं कहना चाह रहा हूं कि इस झूठे विचार को अमेरिका आने वाले समय में भूल जाये तो अच्छा है।
मानवता के नाम करोड़ों डॉलर दिए थे पाकिस्तान को, वहां आतंकवाद पैदा किया। क्या अमेरिका इस विषय पर पूरे विश्व से माफी मांगेगा। जब भारत कह रहा था,। तब उसकी बात नहीं सुनी, लेकिन जब खुद पर हमला हुआ, तो क्रोध से आगबबूला हो उठा।
अमेरिका का दोहरा रवैया
अगर वाकई अमेरिका खुद को इतना ताकतवर मानता है और अमेरिकी मूल्यों की प्रवाह करता है तो सारे संबंध रूस से तोड़ क्यों नहीं देता। अगर रूप के पास कोई सैन्य ताकत नहीं होती तो अमेरिका, रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने से पहले रूस पर हमला कर देता। फिर पूरी दुनिया को यही कहता हमारे मानव मूल्यों के रूस खिलाफ था।
मैं कोई अमेरिका का विरोध नहीं कर रहा हूं लेकिन दोहरा चेहरा ले कर खुद को ताकतवर समझ कर चलना नहीं चाहिए। सामने भी एक देश है, उसके भी अपने मूल्य है, वहां खुद के मूल्यों को ऊपर मत रखो। हर देश को निर्णय लेने का अधिकार है, वहां अपने आप को जज मत समझो।
मूल्यांकन
कोई पर्वतों से घिरा हुआ है और कोई उन आतंकवादियों से जिनका एक ही लक्ष्य होता है शांति से बैठे उन इंसानों को मारना। अगर यह लक्ष्य उन लोगों में तब तक रहता है जब तक वो उसे पूरा न कर लें। इसी तरह आज के कुछ शक्तिशाली देश खुद को समझे है। तुम्हारा लक्ष्य यह है कि कोई आप से आगे न निकल पाये, कोई आप से ज्यादा शक्तिशाली न हो जाए। अगर आपके दिमाग में यह बार बार चलता रहा तो एक दिन पक्का आप वो ही कदम उठाओगे जो एक आतंकवादी उठाता है।
इस लिए जितनी खुद को महानता दे रहे हो, उतनी दूसरे देश को भी दे। तभी समानता आयेगी। अपने हित के लिए किसी भी देश के साथ शोषण करते हैं या कोई भेदभाव करते हैं, वह कहीं न कहीं रूप में वापस आपको जरूर मिलता है।
विश्व के विभिन्न देशे के अपने मूल्य -
- USA: Individualism, freedom, equality, opportunity, democracy.
- Japan: Harmony, respect for authority, hard work, discipline, politeness.
- Germany: Efficiency, punctuality, orderliness, precision, environmental consciousness.
- India: Family values, spirituality, hospitality, respect for elders, diversity.
- Brazil: Social connections, celebration, spontaneity, warmth, cultural diversity.
- China: Collectivism, respect for tradition, diligence, hierarchy, thriftiness.
- France: Artistic appreciation, intellectualism, love for food and wine, individualism.
- Australia: Informality, laid-back attitude, outdoor lifestyle, egalitarianism.
- PAK Foreign Minister Will Visit India
- Indians in America - अमेरिका में भारतीय
संविधान के मत्वपूर्ण बिन्दु
मौलिक अधिकार (Fundamental Rights): यह बिंदु अक्सर संविधानों में समाहित होता है जो नागरिकों के मौलिक और मानवाधिकारों की रक्षा करता है, जैसे कि स्वतंत्रता, न्याय, समानता, और धर्मनिरपेक्षता।
सरकारी संरचना (Government Structure): संविधानों में सरकारी संरचना के विभिन्न आयामों का वर्णन किया जाता है, जैसे कि केंद्रीय और राज्य सरकारों के बीच संबंध, विधानसभा, संसद, और न्यायपालिका का संरचन।
नागरिक कर्तव्य (Citizens' Duties): कुछ संविधानों में नागरिकों के कर्तव्यों का वर्णन किया गया है, जैसे कि वोट देना, राष्ट्र की रक्षा, सामाजिक न्याय में योगदान इत्यादि।
संविधानीय संशोधन (Constitutional Amendments): कुछ संविधानों में संविधानीय संशोधन की प्रक्रिया और उसके प्राधान्य का वर्णन होता है, जिससे कि संविधान को समय-समय पर अपडेट किया जा सके।
राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की शक्तियाँ (Powers of the President or Prime Minister): कुछ संविधानों में राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के कार्यक्षेत्र और शक्तियों का विस्तृत विवरण दिया गया है।
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