Features of Indus Valley Civilization - सिंधु घाटी सभ्यता कि विशेषताएं - जिस तरह इसका विस्तार हुआ, इसकी विशेषताएं भी अपनी अलग पहचान रखती है। वर्तमान शहरों कि तरह सिंधु घाटी सभ्यता के हर शहर कि अलग विशेषता थी लेकिन सारी सभ्यता समान ही तरीके से बनी है, सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएं, sindhu ghati sabhyata ka vistar, |
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सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएं |
Features of Indus Valley Civilization - सिंधु घाटी सभ्यता कि विशेषताएं
1. सिंधु घाटी सभ्यता शहरी सभ्यता थी। नगरों को बसाने से पहले उनकी योजना बनाई जाती है। सारे शहर सुनियोजित तरीके से बसाए गए थे। इस सभ्यता का समाज मातृ सत्तात्मक था।
इन शहरों में पश्चिमी भाग हमेशा ऊंचा रखा जाता था, जहां ऊंचे वर्ग के लोग रहते थे और पूर्वी भाग नीचा हुआ करता था, जहां आम लोग निवास करते थे। इन सभी शहरों के विपरित एक शहर लोथल, जो इस तरह कि कोई विशेषता नहीं मिली है।
2. इन शहरों कि सारे सड़कें समकोण पर काटती थी, मतलब कहूं तो ग्रिड प्रणाली में शहर कि सड़के थी। शहर में बरसात का पानी और गंदे पानी कि निकासी अदभुत थी। अधिकतर नालियों को ढका हुआ करती थी।
3. इन शहरों में भवनों का निर्माण में कच्ची और पक्की, दोनों प्रकार कि ईंटो का उपयोग होता था, कहीं तो नालियों में भी पक्की ईंटें उपयोग करते थे।
4. इन शहरों में बने घरों के दरवाजे हमेशा अंदर गली कि तरह खुलते थे। मुख्य सड़क पर नहीं खुलते थे लेकिन लोथल शहर में घरों के दरवाजे मुख्य सड़क पर खुलते थे।
5. यहां के लोग अनाज को रखने के लिए अन्नागार का उपयोग करते थे, जो बहुत बड़े - बड़े होते थे। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा से विशाल अन्नागार होने के अवशेष मिले हैं।
6. शहर के सारे लोगों के लिए सार्वजनिक स्नानागार के भी अवशेष मिले हैं मोहनजोदड़ो से। इस स्नानागार में चारों तरफ भवन बने हुए हैं और फर्श पर पक्की इंटों का उपयोग हुआ है।
7. इस सभ्यता के सारे शहरों से दुर्ग के अवशेष मिले हैं लेकिन पाकिस्तान में चहून्दड़ो शहर में दुर्ग के अवशेष नहीं मिले हैं।
8. चावला कि खेती करने के अवशेष लोथल शहर से मिले हैं।
9. लोथल शहर, जहां से गोदीबाड़ा मिला है, जिससे यह पता चलता है कि यहां से समुद्र व्यापार होता था, यहां बंदरगाह था।
10. गुजरात में मिले धोलावीरा शहर, यह शहर तीन भागों में विभाजित था।
11. राजस्थान के गंगानगर शहर से मिला शहर कालीबंगा, यहां से अग्निकुंड मिले हैं।
12. सिंधु सभ्यता के शहरों कि मुहरें अधिकांश बिना कुबड़ वाले सांड कि आकृति कि है।
13. हड़प्पा और चहून्दड़ो शहर से बैलगाड़ी के अवशेष मिले हैं और ऊंट के अवशेष कालीबंगा से मिले हैं। यहां से मिली बैलगाड़ी तांबे और कांस्य कि होती थी।
14. मेसोपोटामिया ( सुमेरिया ) और सिंधु सभ्यता के व्यापार के अवशेष मिले हैं। मेसोपोटामिया से मिले ग्रंथ में मेलुहा शब्द मिला जो सिंधु सभ्यता के लिए था।
15. लोथल से टेराकोटा के एक जहाज का आकार का अवशेष मिला है। यहां से मिली कई मुहरों पर जहाजों कि आकृति मिली है।
16. इस सभ्यता के लोगों का मनोरंजन शिकार करना प्रमुख था।
17. सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों को लिपी का ज्ञान था। यहां से मिली लिपी को भाव - चित्रात्मक और गोमूत्राक्षर लिपी कहा जाता है।
18. इस सभ्यता कि प्रमुख विशेषता यह है कि यहां के लोग लोहे कि बिलकुल कोई जानकारी नहीं थी।
राजनैतिक विशेषता -
सिंधु घाटी सभ्यता कि विशेषताएं मे यह महत्वपूर्ण विशेषता है , ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है लेकिन इस सभ्यता कि बनावट और इस विकास देख कर कह सकते है कि यहां के लोग अपने मौलिक कर्तव्य के प्रति बहुत ही सचेत थे। बहुत ही मेहनती और कुशल थे। इस सभ्यता कि बनावट देख कर कह सकते है कि सत्ता हमेशा उच्च वर्ग के पास रही, लेकिन विकास सभी का हुआ।
कृषि -
सिंधु सभ्यता के लोगों का मुख्य भोजन गेंहू और जौ था। वैसे लोथल से चावल भी मिले हैं। इस सभ्यता से कपास के साक्ष्य सबसे पहले मिले। कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं। सिंधु घाटी सभ्यता कि विशेषताएं में कृषि का एक अलग स्थान था, जो यह साबित करता है सिंधू घाटी सभ्यता के लोग कितना जानते थे ।
पशुपालन -
यहा से मिली मुहरों पर कूबड़ वाले सांड और एक सींग का बिना कुबड़ वाला सांड पूज्य थे। घोड़े के भी प्रमाण मिले हैं और ऊंट के भी। भैंस, बकरी, कुत्ता, हाथी आदि जानवरों के भी होने के प्रमाण मिले हैं। Features of Indus Valley Civilization में पशुपालन उनका महत्वपूर्ण व्यापार में से एक था। उनका कृषि में उपयोग होता था, सामान ढोने और खाड़ी सभ्यताओं से आयात - निर्यात में पशुओं का महत्वपूर्ण स्थान था।
कला -
सिंधु घाटी सभ्यता कि विशेषताएं (सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषता क्या थी) में कला एक मनोरंजक के साथ व्यापार में भी स्थान रखती थी । लोग दूर-दूर से इस कला को देखने आते थे और इसका विश्व कि इस समय कि सभ्यताओं में व्यापार करते थे । मिट्टी के बने खिलौना यह साबित करते हैं कि वे कला निपूरण थे । हर प्रकार के खिलौने के अवशेष मिलेंगे । सिंधू सभ्यता के लोग मातृ सत्तात्मक होने के कारण मातृ देवी मूर्तियां सर्वाधिक मिली है। मिट्टी के खिलौने जो पशु के आकृति के थे, यहां से मिले हैं।
मृदभांड, इस सभ्यता से दो प्रकार के मिले हैं, एक जो बिल्कुल बिना डिजाइन के और दूसरे जिन पर डिजाइन कि हुई, मतलब चित्रात्मक। गुलाबी, काले और लाल रंग के चित्र किए हुए थे।
मुहरें अधिकांश सेलखड़ी कि बनी हुई थी, सेलखड़ी एक मुलायम पत्थर होता है जिसे स्टेटाइट कहा जाता है। मुहरें भी दो प्रकार कि डिजाइन कि मिली है एक वर्गाकार और दुसरी आयताकार। सबसे प्रसिद्ध मुहरें यहां से पशुपति कि मुहरें रही है।
व्यापार -
सिंधु सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी,इस लिए इस सभ्यता का विकास व्यापार पर बहुत ज्यादा टीका हुआ था। बाहर से व्यापार होने के हमें प्रमाण लोथल से मिले थे। यहां से सुमेरिया लोगों कि मुहरें मिली है। Features of Indus Valley Civilization (सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषता क्या थी) में व्यापार इन सभ्यताओं के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। अफ्रिका कि सभ्यताओं से सिंधू घाटी सभ्यता के लोगों का व्यापार था।
सिंधु घाटी सभ्यता के लोग सनातन धर्म के अनुयायी थे। वहां से मिले प्रमाण इस बात को सही साबित करते हैं। पशुपति के रूप में शिव का पूजन होता था। रहा पर शिव को योगी की मुद्रा में बिठाया गया है। मातृ देवी कि भी सर्वाधिक मुर्तियां मिली है।
मूल्यांकन
Features of Indus Valley Civilization - सिंधु घाटी सभ्यता कि विशेषताएं को इस प्रकार रखा है। लोग आज के समय जितना सोचते हैं, वही उसी समय भी लोंग अपने विचारों से एक पूरी सभ्यता को जन्म दिया है। जो सिर्फ दिखने में नहीं है बल्कि यह अफ्रिका और यूरोप तक अपनी छाप छोड़ती है।
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