उत्तराखंड में यूसीसी लागू - भारत के आजाद होने के बाद उत्तराखंड पहला राज्य है, जहां समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हुई है | उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Dhami) ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का नया पोर्टल लांच कर दिया है | उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से UCC लागू हो गयी है और इसके लागू होने पर सभी धर्मों के लिए एक समान कानून व्यवस्था हो गयी है | उत्तराखंड में UCC के लागू होने पर विभिन्न प्रकार के बदलाव यहाँ देख सकते है |
उत्तराखंड - यूसीसी बिल
उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) विधेयक को राज्य विधानसभा से 8 फरवरी 2023 से पारित कर दिया था, इस बिल पर देश के राष्ट्रपति ने 12 मार्च 2024 को अपनी ओर से मंजूरी दी थी | इसके बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) के अंदर सभी प्रकार की नियमावली को तैयार किया गया था | अब जनवरी 2025 में सरकार ने पूरे राज्य में लागू कर दिया है | इस प्रकार देश के स्वतंत्र होने के बाद UCC को लागू करने वाले उत्तरखंड पहला राज्य बना गया है | उत्तराखंड राज्य सरकार मई 2022 से UCC का प्रारूप तैयार कर रही थी। आखिरकार इसको लागू कर दिया |
जैसे ही उत्तरखंड में The Uniform Civil Code of Uttarakhand Bill,2024 लागू हुआ, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने https://ucc.uk.gov.in/ आधिकारिक वेबसाईट या पोर्टल लांच कर दिया है | अब उत्तरखंड किसी भी धर्म का व्यक्ति को पहली पत्नी या पति से तलाक लेने का बाद ही दूसरी शादी कर सकते है, बेटे - बेटी को बराबर का हक दिया और मुस्लिम धर्म में हलाल प्रथा को पूर्ण बंद कर दिया है | इस प्रकार मुख्यमंत्री ने बताया की हर साल 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता दिवस के रूप में मनाया जाएगा |
उत्तरखंड में UCC के तहत विशेष प्रावधान
जैसे ही उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया है, तो सरकार के द्वारा जारी पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा, जो लिव इन रिलेशन में रहते है,, या वे शादीशुदा है | लेकिन उत्तरखंड की 2.50% अनुसूचित जनजाति पर यह UCC लागू नहीं होती है | क्यूंकि संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत इनके अधिकारों की रक्षा करता है | उत्तरखंड में यूसीसी बिल का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रंजन प्रकाश देसाई की समिति का गठन किया गया और इस समिति को कुल 2 लाख से ज्यादा सुझाव दिए गए | फिर इस समिति ने कुल 740 पन्नों का समान नागरिक संहिता (UCC) ड्राफ्ट तैयार किया है |
उत्तरखंड में यूसीसी के तहत होने वाले बदलाव
उत्तराखंड राज्य में लागू हा समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत राज्य के कानून व्यवस्था में यह बदलाव देखने को मिलेगा, जो पूरे देश में अलग होगा -
पहला बदलाव देखा जाए, तो बहुविवाह प्रथा को बंद किया गया यानि पहली पत्नी के जिंदा रहते, दूसरी शादी नहीं होती, अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो BNS की धारा 78 और 79 के तहत अपराधी माना जाएगा | पहले मुस्लिमों को इसी अनुमति थी |
दूसरा बदलाव देखे तो, तलाक, यह तलाक कोर्ट कई अनुमति से ही मिलेगा | पत्नी या पति, इन दोनों को तलाक लेने का कारण एक होना चाहिए | अगर ऐसा नहीं है तो पुलिस गिरफ्तार कर सकती है और 3 साल की सजा हो सकती है |
तीसरा बदलाव देखे तो, हलाल प्रथा बंद, यह मुस्लिमों मे होती, अगर कोई ऐसे करता है तो बिना सहमति शारीरिक संबंध धारा 63, 51, महिला से क्रूरता धार 69 के तहत अपराध माना जाएगा |
चौथा बदलाव देखे तो, लिव इन रिलेशन, लड़के - लड़कियों को 500/- दे कर 30 दिन मे online रजिस्टर करना है, अगर रिसा खत्म कर रहा है, तो भी online आवेदन करना है | इसकी रजिस्टार जांच करता है, धोखाधड़ी होती है तो धारा 69 के तहत केस होगा |
पाँचवा बदलाव देखे तो, संपत्ति में बराबर का हक , पिता की संपत्ति पर बेटे और बेटी दोनों का बराबर का हक है | बेटी विवाहित है तो भी उसका हक है |
छठा बदलाव देखे तो विशेष पुलिस टीम, यानि हर जिले में UCC के लिए अलग से प्रशिक्षित पुलिस टीम होगी |
सातवाँ बदलाव देखे तो, हर शादी का Registration, किसी धर्म का व्यक्ति हो, सभी को Online रजिस्टर करना होगा | शादी होने के 60 दिन के भीतर यह Registration होना चाहिए | यह प्रावधान उत्तरखंड में मार्च 2010 के बाद हुई शादियों तक है, इनको भी Registration करना होगा | नई शादी 60 दिन के अंदर Registration नहीं करते है तो उनको 5 हजार तक जुर्माना भरना होगा |
आठवाँ बदलाव देखे तो, बाहरी व्यक्ति पर भी लागू, उत्तरखंड राज्य में दूसरे राज्य का कोई भी व्यक्ति है, जो लंबे समय से रह रहा है,, वो भी इस UCC के दायरे में आएगा |
नवाँ बदलाव देखे तो, 18 से पहले शादी नहीं, सभी धर्मों के लिए यह लागू | लड़की की उम्र न्यूनतम 18 साल और लड़के की शादी न्यूनतम 21 तक होनी चाहिए |
दसवाँ बदलाव देखे तो, मुस्लिम वर्ग गोद ले सकते, मुस्लिम धर्म के लोगों को बच्चे को गोद लेने का प्रावधान किया है | लेकिन यह बच्चा दूसरे धर्म का नहीं होना चाहिए | पहले इनको बच्चे का पालन - पोषण का अधिकार था |
यूसीसी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
जैसे ही उत्तरखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हुआ, इसकी जिम्मेदारी के लिए अलग - अलग स्तर पर अलग - अलग पद गठित किए गए है | सबसे निचले स्तर पर यानि ग्रामीण स्तर पर SDM होगा, तो नगर - निगम मे आयुक्त रजिस्टार होगा | इसके ऊपर रजिस्टार जनरल होगा, यह सचिव स्तर के अधिकारी होंगे | शिकायत के रजिस्टर होने पर 30 दिनों में कारवाई होगी |
Uniform Civil Code Implemented in Uttarakhand
Comments
Post a Comment