डीईआई (DEI) यानि विविधता, समानता और समावेश (Diversity, equity, and inclusion) जो एक अमेरिकी पॉलिसी है | इस पॉलिसी के तहत USA यानि अमेरिका में सभी वर्गों को एक समान अवसर, उनकी योग्यता के आधार पर बिना कोई भेदभाव के नौकरी प्रदान करना है | वर्तमान में ट्रम्प सरकार ने जो अमेरिका में दूसरी बार बनी है, इस सरकार ने अपने साइड इफेक्ट दिखाने शुरु कर दिए है और Diversity, equity, and inclusion (DEI) में बदलाव करने जा रहा है | इसके बदलाव के कारण भारतीयों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा | यहाँ आप विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) की जानकारी को देख सकते है और इस ट्रम्प सरकार क्या बदलाव करने जा रही है, यह सब जानकारी देख सकते है |
ट्रम्प जो अमेरिका में दूसरी बार राष्ट्रपति बने है, इन्होंने अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी को अपनाया है, यह हर क्षेत्र में बदलाव करते नजर आ रहे है, इसी प्रक्रिया में आती है विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) पॉलिसी, जो सभी वर्गों को रोजगार प्रदान करती है | ट्रम्प सरकार गोरों लोग यानि श्वेत लोगों को प्राथमिकता देने के मूड में है, इसलिए इसमें बदलाव कर रही है |
डीईआई क्या है
अमेरिका में सभी वर्गों को एक समान यानि एक धागे में बांधना, जिसकी योग्यता है, उनको बिना को भेदभाव के रोजगार प्रदान करना है जो विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) पर आधारित है | यह पॉलिसी अमेरिका में एक लोकतंत्र की पहचान प्रदान करत है | देश के सभी वर्गों को साधने का काम करती है | यह पॉलिसी सिर्फ रोजगार के लिए नहीं बल्कि शिक्षा के साथ अन्य क्षेत्र में भी सभी वर्गों को एक समान अवसर प्रदान करती है |
अमेरिका में साल 1960 में विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) पॉलिसी को लागू किया गया था | यह पॉलिसी इस समय के अमरीकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी और मार्टिन लूथर किंग के विचार से प्रभावित थी | जो पूरे अमेरिका देश में लागू की | उस समय अमेरिका में रंग भेद ज्यादा था | इस लिए इस रंग भेद को खत्म करने के लिए सरकार के विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) को अपनाया | ताकि सभी वर्गों को लाभ मिल सके, उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार, शिक्षा प्राप्त कर सके |
DEI कैसे काम करती है
अमेरिका में लागू Diversity, equity, and inclusion (DEI) पॉलिसी सभी वर्गों को अवसर प्रदान करने के लिए है | इस लिए राज्यों की सरकार के द्वारा राज्य में धार्मिक और नस्लीय अल्पसंख्यक है उनको रोजगार और शिक्षा देने का काम करती है | इसके साथ राज्यों में महिलाओ को, विकलांगों को, थर्ड जेंडर के लोगों को भी नए अवसर देने का काम करती है | विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) पॉलिसी को भारत में लागू आरक्षण की तरह कह सकते है, जो कमजोर वर्ग को ऊपर उठाने का काम करती है |
विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) पॉलिसी जो अमेरिका के प्राइवेट सेक्टर में भी लागू है | इसके तहत योग्यता के अनुसार व्यक्ति को रोजगार देना जरूरी है |
मेटा - अमेजन का डीईआई पर विचार
अमेरिका में लागू विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) पॉलिसी को मेटा और अमेजन जैसी अन्य कंपनियां जैसे - बोइंग, वालवार्ट, टारगेट, मोलसन आदि ने बंद करने का ऐलान किया है | लेकिन विश्व को दो बड़ी कंपनी एपल और रिटेल स्टोर कोस्टको ने इस पॉलिसी को जारी रखने की बात की है | हाल में अमेरिका में बनी ट्रम्प सरकार ने विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) पॉलिसी को फिर से मुद्दा बना दिया है |
ट्रम्प सरकार का डीईआई पर विचार
हाल में बनी दूसरी ट्रम्प सरकार ने विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) पॉलिसी को बंद करने का विचार किया है | ट्रम्प सरकार चाहती है, सभी क्षेत्रों में मेरिट के आधार पर नौकरी दी जाए | इसमे सबसे प्रमुख ट्रम्प सरकार चाहती है, श्वतों को अधिक रोजगार प्रदान करना | अमेरिका में कुल 35 करोड़ की आबादी है, इसमे 20 करोड़ श्वेत है | इस ट्रम्प सरकार का श्वेत वर्ग वोट बैंक है | इस लिए ट्रम्प सरकार डीईआई के खिलाफ है | हाल ही एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में 20 करोड़ श्वेत लोगों में से 12 करोड़ श्वेत आबादी काम करती है | इस डीईआई पॉलिसी को खत्म करके, श्वेत वर्ग के रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराना |
डीईआई का भारतीयों पर प्रभाव
एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में कुल 32 लाख फेडरल कर्मचारी है, इन कर्मचारियों में से 8 लाख के आस - पास कर्मचारी डीईआई पॉलिसी के आधार पर काम करते है | इन सभी में से देखा जाए तो करीब 1 लाख भारतीय भी डीईआई पॉलिसी के आधार पर काम कर रहे है | ट्रम्प सरकार के एलान के बाद इन भारतीयों पर भी नौकरी का खतरा मडरा रहा है | राज्यों में डीईआई के कार्यलय बंद करने के लिए आदेश दे दिए है |
मूल्यांकन
अमेरिका में 1960 से लागू विविधता, समानता और समावेश (Diversity, equity, and inclusion) - डीईआई पॉलिसी को खत्म करने का विचार ट्रम्प सरकार कर रही है | यह एक आरक्षण की तरह है जो अल्पसंख्यक को रोजगार और शिक्षा में अवसर प्रदान करती है | इस पॉलिसी का भारतीय वर्ग भी लाभ उठा रहा है, लेकिन जब यह पॉलिसी खत्म होगी तब, इसका प्रभाव भारतीयों पर भी पड़ेगा |
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