भारत की आजादी के पहले पत्रकारिता का इतिहास-18वीं सदी से भारत में अखबारों की शुरुआत हुई (History of journalism before independence in India)
अंग्रेजों के द्वारा शुरू किए गए अत्याचरों को समय – समय पर इन्ही अखबरों ने उजार किया | देश को आजादी दिलाने के लिए पत्रकारिता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है | 1780 में आंगस्टस हीकी ने ‘बंगाल गैजेट’ नाम से भारत में पत्रकारिता का आरंभ हुआ | इसके बाद समय – समय पर भारत के कई शहरों में अखबार छपने लगे |
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History of journalism before independence in India |
भारत कि आजादी से पहले जो भी अखबार निकला था उनका इतिहास इस प्रकार है (History of journalism before independence in India)
बंगाल गैजेट –
हिक्कीज गजत नाम से जाना जाने वाले यह अखबार 29 जनवरी 1780 में कलकता से जेम्स आंगस्टस हिक्की ने प्रकाशित किया | इस बंगाल गैजेट को कलकत्ता जनरल एडवरटाइजर के नाम से भी जाना जाता था | इस अखबार में अंग्रेजी प्रशासन में रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार के साथ व्यापारिक जानकारी देता था |
संवाद कौमुदी –
राजा राममोहन राय के द्वारा कलकत्ता से बंगाली भाषा में साप्ताहिक समाचार को 1821 में शुरू किया गया | यह अखबार किसी भी भारतीय भाषा में शुरू किया गया पहला अखबार था | यह एक सुधारवादी समाचार पत्र था, इसी पत्र ने सती प्रथा को समाप्त करने के लिए अभियान चलाया था |
बॉम्बे समाचार –
गुजराती और अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होने वाला बॉम्बे समाचार पत्र को 1822 में मुंबई से फरदुनजी मार्जबान इसके संस्थापक थे | यह अखबार आज भी प्रकाशित होता | इस समाचार पत्र को एशियाई अखबारों में सबसे पुराना माना जाता है | इस अखबार का पहला अंक बाजार में 1 जुलाई 1822 में आया था |
जाम – ए – जहांनुमा
उर्दू और फारसी भाषा में कलकता से मार्च 1822 से प्रकाशित होने वाला अखबार के संस्थापक हरिहर दत्त थे, इसके बाद यह अखबार दिल्ली से शुरू हो गया था | हालांकि यह अखबार उर्दू भाषा का पहला समाचार पत्र माना जाता है |
उदन्त मार्तण्ड –
30 मई 1826 में कलकत्ता से साप्ताहिक रूप से शुरू होने वाला उदन्त मार्तण्ड समाचार पत्र भारत में पहला हिन्दी अखबार था | उदन्त मार्तण्ड के संस्थापक जुगल किशोर शुल्क थे, जो उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले थे | आज 30 मई को हिन्दी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है |
दर्पण अखबार –
यह मराठी भाषा का पहला अखबार माना जाता है, इसको 6 जवनरी 1832 को बाला शास्त्री जमभेकर के द्वारा शुरू किया गया था | इस समाचार पत्र में समाज में एकता और व्यक्तिगत स्वतंत्रा के बारे में मांग की गयी | इसी 6 जनवरी को मराठी पत्रकार दिवस के रूप में मनाया जाता है |
जर्नल ऑफ कॉमर्स –
इस को सामान्यत: ‘द बॉम्बे टाइम्स और जर्नल ऑफ कॉमर्स’ के नाम से जाना जाता था | यह मुंबई से 1838 प्रकाशित हुआ, आगे यह अखबार चल कर 1861 में ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ बन गया | टाइम्स ऑफ इंडिया को द ओल्ड लेडी ऑफ बोरी बंदर के उपनाम से जाना जाता था |
पयाम-ए-आजादी
यह हिन्दी और उर्दू में प्रकाशित होने वाला दैनिक समाचार पत्र था | जो 1857 में दिल्ली से मिर्जा बेदार बख्त के द्वारा प्रकाशित किया जाता था | पयाम-ए-आजादी को पहले दिल्ली से फिर झांसी से प्रकाशन शुरू हुआ | यह पहला उर्दू अखबार था जिसने देश की आजादी की आवाज उठाई |
टीवी और रेडिया का दौर आजादी से पहले
जिस प्रकार देश में समाचार पत्रों का दौर शुरू हुआ, धीरे – धीरे टेक्नोलोगी ने इस दौर को एक कदम आगे की और ला दिया | समय बदलता गया और लोगों की समझ और विचारों ने नए युग में प्रवेश करा दिया | इसी नए युग की शुरुआत भारत में इस प्रकार होगी –
जिस प्रकार दुनियाँ में 1906 में रेडिया की शुरुआत हुई, समय आते – आते भारत में रेडियो की शुरुआत 1921 में हुई जो टाइम्स ऑफ इंडिया के द्वारा की गयी, हालांकि फिर इसका लाइसेंस रद्द कर दिया | 1923 में रेडियो क्लब ऑफ बॉम्बे के द्वारा रेडियो प्रसारण शुरू किया |
इन्ही प्रयासों से आगे चलते हुए 1927 में इंडियन ब्राडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड का गठन हुआ, जिससे भारत में सभी रेडियो क्लबों को एक करना था | इसके चलते भारत में 15 जुलाई 1927 में पहला रेडियो कार्यक्रम इंडिया रेडियो टाइम्स शुरू हुआ | फिर तमाम कठिनाई के कारण इसको बंद करना पड़ा |
भारत में 1936 में इम्पेरियल रेडियो ऑफ इंडिया शुरू हुआ, जो देश के स्वतंत्रता के बाद यानि 1957 में इसे ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी के नाम से जाने लगा |
मूल्यांकन
इस प्रकार भारत के आजाद होने से पहले पत्रकारिता और रेडियो का आजादी के इस पथ पर अपना योगदान दिया| History of journalism before independence in India के तहत विभिन्न स्थानों से निकलने वालो अखबारों को देश कि आजादी के लिए वरदान साबित हुए|वर्तमान में सोशल मीडिया ने हर मिनट कि खबर को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम करते हैं लेकिन उस समय इन्हीं अखबारों ने देश के कोने-कोने तक लोगों को आजादी के लिए जगाने का काम किया|
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