किताबों कि कहानियों में किरदार अच्छा बनके खत्म हो जाता है। किसी फिल्म में किरदार कब मर जाता है और वो वापस कब का जिंदा भी हो जाता है। लेकिन असल जिंदगी में किरदार तब तक जिंदा रहता है, जब तक वह स्वयं कि इज्जत करता है। खुद कि इज्जत करनी छोड़ी, वह किरदार उसी समय मर जाता है।
किसी के छोड़ने पर, उसके आगे हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाते रहना या कही काम कर रहे हैं, वहां सबके सामने आपको बेइज्जती होने के बाद भी वहीं काम करना। ऐसा क्यों करना? जाने दो, जो जा रहा है / जा रही है , छोड़ दो उस जगह को। काम करने के लिए जगह और भी बहुत है। इस लिए सबसे पहले स्वयं कि इज्जत करो। भगवान कभी नहीं कहता कि तुम पेट भरने के लिए कुछ भी करो। इज्जत से रहो, इज्जत का काम करो।
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अपने के विचार
खुद के लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन है विकास दिव्य किर्ति सर , कहते हैं वो " तु नहीं तो कोई और सही, और और नहीं तो, कोई और सही" । इससे आगे खुद के लिए मोटिवेशन करता हैं इमरान खान का गाना जिसकी एक लाइन है " रोवे गी मैनू याद करके, रोवे गी मैनू याद करके" । इससे बड़ा क्या मोटिवेशन खुद के लिए।
ये वक्त है ज़रूर आयेगा । आज नहीं तो कल। इस वक्त को एक दिन जरूर जाना है। कोई नहीं रोक पायेगा। इस लिए सबसे पहले खुद कि इज्जत करो। आईने में देख कर खुद से कहो, मेरे से ज्यादा अच्छा इस दुनिया में कोई नहीं। मेरे से ज्यादा इस दुनिया में को हैंडसम नहीं। दुनिया कि जो अच्छाईयां है, वो सारी खुद पर लागू करदो। अपने आप, आपको स्वयं से प्यार हो जायेगा। जिसको को स्वयं से प्यार हो जाता है वो भगवान को पाने के लिए करोड़ों लोगों से ऊपर हो जाता है।
फिर किसी को पाने के लिए किसी के आगे हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाने कि कोई जरुरत नहीं। लोग बहुत बाते करेंगे। ध्यान रखना, लोग बाते उसी करते हैं, जिसमें वकायदा खास चीज होती है
समय बदलता जरूर है
वक्त बदलता जरूर है, जैसा चल रहा है वैसा वक्त हमेशा नहीं चलता है। आप ने सूर्य को अच्छी तरह देखा है, जब सुबह होती है तब अपनी परछाई को देखना, जो बिल्कुल पीछे कि तरफ होती है बहुत ही लम्बी भी। लेकिन जब वही सूर्य दोपहर को आसमान के ठीक बीच में होता है तब देखा अपनी परछाई को, अंत में जब सूर्य अस्त होने वाला होता है तब देखना।
समय को महत्व दो
यही तो वक्त है, आज किसी और का है, कल किसी और का होगा। हो सकता है इक दिन आपका भी वक्त आ जाये। इस लिए सबसे अच्छी बात है कि जहां भी रहो, इज्जत से रहो। इज्जत से बात करो। अगर कोई इंसान आपके पास में है और वो आपसे बात नहीं कर रहा है, तो कोई परेशानी लेने कि बात नहीं है। आप अपने काम में मस्त रहो।
मूल्यांकन
आपको को इस दुनिया में बहुत लोग मिलेंगे। बहुत लोग होंगे, जिनसे आप बात करना चाह रहे और वो बात नहीं करते। कोई परेशानी वाली बात नहीं है। उस वक्त आप ख़ुद से बात करे। जरूरी नहीं, जिसे आप चाहते हो वो आप से बात करे। इस लिए सबसे पहले अपनी इज्जत को याद रखो। एक बार अगर मनमुटाव गया है तो चाह कर भी उस जगह से मत निकलो। जहां इज़्ज़त नही, वहां जाना नहीं।
Cultivating Self-Respect: A Guide to Building Confidence and Self-Worth
Introduction
Define self-respect and its importance in our lives.Explain why self-respect is the foundation of healthy self-esteem and relationships.
Body
1. Understanding Self-Respect
Explore the concept of self-respect and its components.
Discuss how self-respect differs from arrogance or low self-esteem.
2. The Benefits of Self-Respect
Explain the positive impact of having self-respect on mental and emotional well-being.
Share real-life examples of individuals who have benefited from cultivating self-respect.
3. Building Self-Respect
Provide practical tips and strategies for developing self-respect.
Discuss the role of self-awareness and self-acceptance in this process.
4. Overcoming Challenges
Address common obstacles that can hinder the development of self-respect.
Offer solutions for dealing with self-doubt and external pressures.
5. Maintaining Self-Respect
Emphasize the importance of ongoing self-care and self-compassion.
Encourage the practice of setting healthy boundaries in relationships.
6. Self-Respect and Personal Growth
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