chase away laziness यानि किस भी तरह से व्यक्ति को अपने अंदर आलस्य को भागना है | इस laziness को भागने के लिए व्यक्ति को अपने समय में परिवर्तन करना होगा | उसी से भी यह सब ठीक होगा | अगर को सुबह लेट उठता है उसके लिए बहुत ही मुस्किल हो जाता है, उसका पूरा दिन आलस्य के साथ देर से काम होगा | यहाँ आप chase away laziness से संबधित जानकारी को देख सकते है |
जिस तरह नए साल को लगने पर पुराने साल को भूला देना, ऐसे समझते हैं। नये साल में सब नया करेंगे। यह हमारी सोच है कि नये साल को करेंगे। मैं मानता हूं कि हर दिन नया साल है, जितना आप - हम नये साल के पहले दिन को मानते हैं।
यह हकीकत भी है, कुछ ऐसा बदलता नहीं, जब तक आप स्वयं में बदलाव न हो। स्वयं में बदलाव लाने के लिए किसी दिन, वार, तारिख की जरूरत नहीं होती है, वहां जरूर होती है सिर्फ अपने को आलस्य से दूर, काम में लग जाना।
छोटी मेहनत बड़ा काम करती है
आपने चींटियों का घर देखा होगा, नहीं देखा हो तो देख लेना। कहते हैं कि चींटियां कुछ भी नहीं खाती । फिर ये सारा दिन इतनी मेहनत क्यों करती है, ये जो खाने चीज़ें कहा ले के जाती है। ये हमेशा एक जगह जमा करती है। न खुद में आलस्य है, न ही कोई रोक टोक। जब भी, जहां से भी मौका मिला, उसे ले जाती है।
खुद के काम में, खुद को इतना लीन कर दो, उसे पूरा करने के लिए साल, दिन, वार, तारिख की कोई जरूरत नहीं होती है। जैसा भी मौक़ा मिले, उसे पूरा करो।
सोमवार हमारे लिए सबसे बड़ा लक्ष्य होता है। लेकिन पूरा सप्ताह अगले सोमवार के इंतजार में निकल जाता है। दूसरी सबसे बड़ी बात ये होती है कि हम अपने 24 घंटे किस के साथ बिता रहे हैं। ये पक्का है जो जैसा होता है, उसे वैसा ही मिलता है। लेकिन खुद को समय - समय पर अपडेट करते रहो, कहां, किसके साथ, क्या कर रहे हैं। सबसे बड़ा आपके साथ जो रहता है, उसका असर पड़ता है, किसी भी काम को करने के लिए।
जब बच्चा पैदा होता है, वो कोई भाषा नहीं जानता है, लेकिन जैसे - जैसे वह बड़ा होता है, वह जिस भाषा के सम्पर्क में होता है, वही भाषा बोलने लगता है।
इस लिए खुद के साथ हमेशा ऐसा इंसान रखो, जो आपको अपने काम में बाधा नहीं, बल्कि उसे पूरा करने के लिए सहयोग दे।
वक्त के साथ बदलना जरूरी है
वक्त के साथ धीरे धीरे सब बदलता है। इस लिए हमेशा एक कदम अपने लक्ष्य कि तरफ बढ़ाते रहे। चाहे कुछ भी हो जाए। अपने काम के प्रति कभी भी कोई समझौता नहीं करे। जब भी वक्त मिले, अपने काम को समय दे।
आप जितना आलस्य रखोगे, उतना ही आप अपनी ही जिंदगी में पीछे रहते जाओगे। आपका किसी के भी साथ कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है, सिवाय स्वयं के। इस लिए आप दुनिया को छोड़ो और स्वयं को देखे। आपका अपने साथ ही कभी धोखा मत दे।
दुनिया ऐसे ही आती है ं और जाती है। ये दुनिया काम है, फ्री में ज्ञान देना। जिस दिशा में हवा चलती है ये दुनिया उसी दिशा में हो जाती है। आपकों अपनी ही हवा में चलना है। अपना ही रास्ता देखना है, अपना ही तर्जुबा लगाना है।
आलस्य को भगाने के लिए कुछ निम्नलिखित टिप्स अपनाए जा सकते हैं:
नियमित व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधियों जैसे कि योग, व्यायाम, या चलने की आदत बनाएं। यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेगा और आलस्य को दूर करेगा।
स्वस्थ आहार: स्वस्थ और बलवान आहार लें। सही प्रकार का भोजन खाने से आपकी ऊर्जा बढ़ेगी और आपको आलस्य महसूस नहीं होगा।
नींद की अवधि: पर्याप्त नींद लेना आलस्य को दूर करने में मदद करता है। रात में 7-8 घंटे की नींद लेने का प्रयास करें।
काम का समय तारीख़ पर: काम के कार्यों को समय पर पूरा करने का प्रयास करें। समय प्रबंधन में सुधार करने से आलस्य को कम किया जा सकता है।
स्वस्थ मनोवृत्ति: सकारात्मक और ऊर्जावान मनोवृत्ति बनाए रखने के लिए मेडिटेशन, प्राणायाम, और स्वाध्याय का अभ्यास करें।
अपना लक्ष्य: जीवन में कुछ लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहें। लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होता है आलस्य को कम करने में।
मूल्यांकन
पता है, सुबह बिस्तर से उठना बहुत ही मुश्किल काम। आज के युवा, रात को बहुत ही देर से सोते हैं और सुबह देर तब सोते रहते हैं। इस लिए अपनी दिनचर्या को बदलो। भले ही आप देर से सोते हैं और सुबह देर से उठते हैं लेकिन अपने काम में कभी भी आनाकानी नहीं करनी है। जितना महत्व भूख लगने पर खाने को देते हो, उतना ही महत्व अपने काम को दो।
दुनिया बहुत ही खाली बैठी है। आपको लगेगा, थोड़ी सी इससे बात कर लें, फिर काम करेंगे। जो थोड़ा सा वक्त है वो कब निकल जायेगा पता ही नहीं चलेगा। इस लिए दुनिया बाद में, काम पहले।
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